प्रदेश का पहला और देश का तीसरा यूरेनियम प्रोजेक्ट

खनिजों के उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान भारत का तीसरा बड़ा राज्य है।
पश्चिमी राजस्थान में अधात्विक खनिज व शक्ति के स्रोत पाए जाते हैं। खानों की दृष्टि से राजस्थान का प्रथम स्थान है। राजस्थान में सर्वाधिक कुल 79 प्रकार के खनिज पाए जाते है। जिनमें 44 प्रकार के बड़े खनिज व 23 प्रकार के लघु खनिज एवं 12 अन्य गौण खनिज पाए जाते हैं, इसलिए राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहते हैं। सीकर के खंडेला में यूरेनियम की खोज ने संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
& सीकर के खंडेला क्षेत्र के रॉयल गांव में यूरेनियम की खुदाई के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा सुरंग बनाई जा रही है। लगभग एक किलोमीटर लंबी सुरंग पर 22 करोड़ की लागत आनी है। यह देश में तीसरा और राजस्थान में यूरेनियम का पहला प्रोजेक्ट है। शेखावाटी में तीन और स्थानों पर यूरेनियम की संभावना है। इसके लिए जल्द विभाग की टीम ड्रिल की कवायद शुरू करेगी। इसमें उदयपुरवाटी क्षेत्र का जहाज, नृसिंहपुरी व नीमकाथाना क्षेत्र के तीन गांव शामिल हैं।
वर्तमान में देश में भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (यूसीआइएल) विदेशों में यूरेनियम माइनिंग लीज पर लेने की तैयारी कर रहा है। वर्ष 2023 में सीकर प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद भारत बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएगा। यहां के यूरेनियम से 40 साल तक 800 मेगावाट बिजली प्राप्त की जा सकती है। अब तक के अन्वेषण के अनुसार खंडेला के यूरेनियम भंडार की गुणवत्ता देश में सबसे बेहतर है।